झारखंड के कुख्यात गैंगस्टर अमन साहू मारा गया है। उसकी हत्या यूपी के विकास दुबे की तरह एक एनकाउंटर में हुई है। मंगलवार को उसे रायपुर से पुलिस रिमांड पर रांची ले जाया जा रहा था, जब एक हादसे के दौरान पलामू में पुलिस की गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इस स्थिति का फायदा उठाते हुए अमन साहू ने एक सिपाही की राइफल छीनने की कोशिश की। जब पुलिस ने उसे रोका, तो उसने फायरिंग कर दी, जिसके जवाब में पुलिस ने कार्रवाई की और वह मारा गया। इस मुठभेड़ में एक पुलिस जवान के घायल होने की भी जानकारी मिली है, लेकिन इसकी आधिकारिक पुष्टि अभी नहीं हुई है।
पलामू जिले की एसपी रिष्मा रमेशन सहित अन्य पुलिस अधिकारी घटनास्थल पर पहुंच चुके हैं। अमन साहू को 7 मार्च को कोयला कारोबारी बिपिन मिश्रा और 8 मार्च को NTPC के DGM कुमार गौरव को गोली मारने के मामले में पूछताछ के लिए लाया जा रहा था। घटना चैनपुर-रामगढ़ रोड के अन्हारी ढ़ोढ़ा घाटी में हुई है, जो एक जंगली क्षेत्र है। यहां मोबाइल नेटवर्क भी कमजोर है, और घटना स्थल से 100 मीटर पहले आम लोगों और मीडिया के जाने पर रोक लगा दी गई है।
अमन साहू से NTPC DGM हत्या मामले में पूछताछ होनी थी। बिपिन मिश्रा और हजारीबाग में कुमार गौरव पर हमला एक ही तरीके से किया गया था, इसलिए पुलिस दोनों मामलों की जांच एक साथ कर रही है। उन्हें पता चला कि अपराधियों ने दोनों घटनाओं में बाइक का इस्तेमाल किया था और गोलीबारी सुबह के समय हुई जब दोनों कारोबारी अपने घर से बाहर निकल रहे थे।
अमन साहू का गैंग झारखंड पुलिस के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन गया था। उसके निशाने पर कोयला कारोबारी, ट्रांसपोर्टर, ठेकेदार, रियल एस्टेट कारोबारी और बिल्डर थे, और वह इनसे रंगदारी वसूल कर रहा था। जो लोग उसकी बात नहीं मानते थे, उनके खिलाफ वह खुलकर गोलियां चलवाता था।
अमन साहू पिछले चार साल में 10 विभिन्न जेलों में ट्रांसफर किया जा चुका है और फिलहाल वह छत्तीसगढ़ के रायपुर जेल में बंद है। इसके बावजूद उसका गिरोह सक्रिय है और राज्य के आठ जिलों में अपना काम कर रहा है। झारखंड में इस साल के विधानसभा चुनाव में भी अमन साहू ने भाग लेने की तैयारी की थी और उसने बड़कागांव विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने के लिए पर्चा भी खरीदा था।
हालांकि, झारखंड हाई कोर्ट ने उसके चुनाव लड़ने की याचिका को खारिज कर दिया था, क्योंकि उसके खिलाफ 120 से अधिक गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं।
अमन साहू से जुड़ी इस खबर को पढ़ें और जानें कि कैसे वह झारखंड के लिए एक बड़ा संकट बन गया है।