संभावना है कि होली के त्योहार पर मिलावटी मावा की आपूर्ति में कुछ गड़बड़ी हो। खाद्य सुरक्षा विभाग ने 240 किलो नकली मावा का जब्त होना रिपोर्ट किया है, जो कि टीकमगढ़ भेजा जा रहा था। विभाग ने कई संस्थानों से नमूने भी लिए हैं। मिलावटखोरों के खिलाफ कार्रवाई जारी है।

मुख्य बिंदु
- 240 किलो नकली मावा टीकमगढ़ भेजा जा रहा था
- खाद्य सुरक्षा विभाग ने नमूने लेकर जांच शुरू की
- मावा में एसएनएफ और फैट्स की कमी पाई गई
समाचार किसी, ग्वालियर। होली के अवसर पर मिलावटी मावा खाने के एक गंभीर मामले की खबर सामने आई है। इस संबंध में भिंड और मुरैना में कार्रवाई शुरू की गई है। भिंड से मावा की आपूर्ति का कार्य भी आरंभ किया गया है। इसे शहर में विभिन्न गोदामों में छिपाकर रखा जा रहा है, साथ ही दूसरे जिलों में भेजा जा रहा है।
खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने एक सूचना के आधार पर फूलबाग मैदान चौराहा पर पहुंचा, जहां ओम साईं टूरिस्ट वाहन से मावे का परिवहन होता दिखाई दिया। इससे स्पष्ट होता है कि नकली मावा का व्यापार बढ़ रहा है, और यह मावा भिंड से ग्वालियर भेजा गया था।
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ग्वालियर चंबल क्षेत्र में मिलावट के मामले में प्रसिद्ध है। ग्वालियर में मावा और पनीर का उत्पादन नहीं होता, लेकिन मिलावट का स्रोत मुरैना और भिंड से जुड़ा हुआ है। मुरैना से दूध और पनीर आता है, जबकि भिंड से मावा की आपूर्ति होती है।
निरीक्षण के बिंदु जांचे जा रहे हैं
- छोटे-बड़े वाहनों में इनकी आपूर्ति करने की शुरुआत मिलावटखोरों ने की है। खाद्य सुरक्षा विभाग का दावा है कि नमूने लेने के साथ विभिन्न निरीक्षण केंद्रों पर जांच कर नमूने राज्य लैब भोपाल भेजे जा रहे हैं।
- विभाग के इस दावे के बावजूद मिलावटखोर होली के त्योहार पर मिलावटी मावा और पनीर की आपूर्ति करने की तैयारी कर चुके हैं।
अब तक 150 नमूने की जांच रिपोर्ट नहीं आई
नमूने की जांच स्थानीय स्तर पर नहीं होने के कारण जांच रिपोर्ट आने में दो से तीन महीने का समय लग रहा है। इससे मिलावटखोरों को बचने का समय मिल रहा है। खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने जनवरी और फरवरी महीने में विभिन्न संस्थानों से नमूने लेकर जांच के लिए भोपाल लैब भेजे थे, लेकिन उनकी रिपोर्ट अब तक विभाग को नहीं मिल सकी है। बताया जा रहा है कि राज्य लैब में 150 से अधिक नमूने पेडिंग हैं।
छह साल में खाद्य प्रयोगशाला शुरू नहीं हो सकी
- ग्वालियर-चंबल में हर साल विशेष अभियान चलाने का दावा किया जाता है, लेकिन खाद्य प्रयोगशाला पर चुप्पी साध जाती है। छह साल पहले हुरावली पर खाद्य प्रयोगशाला का उद्घाटन किया गया था।
- प्रयोगशाला भवन तैयार है, उपकरण भी यहां पहुंच गए हैं, लेकिन अभी तक प्रयोगशाला शुरू नहीं हो सकी, जबकि वर्ष 2022 तक प्रयोगशाला शुरू होना था। समय सीमा समाप्त होने के बाद भी प्रयोगशाला के शुरू होने की प्रतीक्षा की जा रही है। प्रयोगशाला के शुरू न होने के कारण नमूने जांच के लिए भोपाल लैब भेजने पड़ते हैं।
टीकमगढ़ जा रहा 240 किलोग्राम मावा पकड़ा
- टूरिस्ट वाहन से मावा का परिवहन होने की सूचना पर खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम फूलबाग मैदान चौराहा पर पहुंची। खाद्य सुरक्षा अधिकारी राजेश कुमार गुप्ता और निरूपमा शर्मा ने यहां दबिश देकर ओम सांई टूरिस्ट वाहन से मावा जब्त किया।
- वाहन चालक ने बताया कि दिनेश साहू निवासी टीकमगढ़ के यहां मावा ले जा रहा था। देवानंद नरवरिया साईं मावा भंडार दानाओली से 240 किलोग्राम मावा लोड किया गया था। जब्त मावा की मोबाइल फूड लैब से जांच करने पर यूरिया, डिटर्जेंट और स्टार्च नहीं मिला, लेकिन एसएनएफ और फैट्स की कमी की आशंका पर मावा के दो नमूने लिए गए।
- 66 हजार 200 रुपये का मावा जब्त किया गया। मौके पर उपस्थित मावा मालिक देवानंद नरवरिया ने मावा को भिंड से लाना बताया, लेकिन वह दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर सका।
इन संस्थानों से लिए गए नमूने
- इसके साथ ही खाद्य सुरक्षा अधिकारी सतीश कुमार शर्मा ने भरोसा डेयरी और स्वीट्स दाल बाजार से रसगुल्ला का नमूना, जय भोलेनाथ मिष्ठान भंडार से सोनपपड़ी के नमूने लिए। खाद्य सुरक्षा अधिकारी बृजेश कुमार शिरोमणि ने अग्रवाल स्वीट्स कंपू से सोनपपड़ी और पैठा के नमूने लिए।
- खाद्य सुरक्षा अधिकारी गोविंद नारायण सरगैंया ने परमान