IND Vs NZ Champions Trophy 2025: अगर बारिश बनी विलेन, तो जानिए किसे मिलेगा विजेता का ताज?: क्रिकेट प्रेमियों की निगाहें दुबई इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम पर टिकी हैं, जहाँ 9 मार्च को भारत और न्यूजीलैंड की टीमें चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के फाइनल में आमने-सामने होंगी। ग्रुप स्टेज के आखिरी मुकाबले में भारत ने न्यूजीलैंड को शिकस्त दी थी, लेकिन फाइनल की जंग एक नए दबाव के साथ शुरू होगी। दोनों टीमें ट्रॉफी पर कब्जा जमाने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा देंगी।
रिजर्व डे का प्रावधान: एक समझदारी भरा कदम
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मौसम का मिजाज क्रिकेट के रोमांच में खलल डाल सकता है, खासकर दुबई जैसे शहर में, जहाँ मौसम अप्रत्याशित हो सकता है। ऐसे में, यदि किसी कारणवश फाइनल मैच रद्द हो जाता है, तो सवाल उठता है कि चैंपियन कौन बनेगा? चैंपियंस ट्रॉफी 2025 में बारिश ने पहले ही तीन मैचों का मजा किरकिरा कर दिया है। इसी को ध्यान में रखते हुए आईसीसी ने इस बार ग्रुप स्टेज से लेकर नॉकआउट मैचों तक के लिए खास नियम बनाए हैं।
आईसीसी ने फाइनल के लिए रिजर्व डे का प्रावधान किया है। यानि अगर 9 मार्च को मैच पूरा नहीं हो पाता है, तो 10 मार्च को खेल जारी रहेगा। आईसीसी की प्राथमिकता यही रहेगी कि मैच तय समय पर ही संपन्न हो। लेकिन, यदि मौसम या अन्य वजहों से मैच रोकना पड़ा, तो रिजर्व डे पर खेल वहीं से शुरू होगा जहाँ उसे रोका गया था।

अगर मैच रद्द हुआ तो?
फाइनल मुकाबले में अगर बारिश या किसी अन्य वजह से मैच रद्द होता है, तो ट्रॉफी दोनों टीमों के बीच साझा की जाएगी। यानी, दोनों टीमों को संयुक्त रूप से विजेता घोषित किया जाएगा। यह एक निष्पक्ष फैसला होगा, जिससे किसी भी टीम को निराशा नहीं होगी।
यह भी ध्यान देने योग्य है कि अगर मैच का नतीजा निकालना बेहद ज़रूरी हुआ, तो डकवर्थ-लुईस नियम का इस्तेमाल किया जा सकता है। लेकिन इसके लिए ज़रूरी है कि दोनों टीमों ने कम से कम 25-25 ओवर खेले हों। डकवर्थ लुईस प्रणाली से लक्ष का पुनर्निर्धारण कर खेल को जारी रखा जा सकता है।
इतिहास के पन्नों से
चैंपियंस ट्रॉफी की शुरुआत 1998 में हुई थी और 2002 में भारत और श्रीलंका के बीच का फाइनल बारिश के कारण रद्द हुआ था। उस वक्त दोनों टीमों ने संयुक्त रूप से ट्रॉफी साझा की थी। उस समय रिजर्व डे होने के बावजूद मैच को पूरी तरह से दोबारा शुरू किया गया था। इस बार रिजर्व डे का नियम खेल को वहीं से शुरू करने के लिए है, जहां से वह रुका था। 2002 के बाद ऐसा दोबारा कोई भी मौका नहीं आया हैं जब किसी भी टीम को ट्राफी साझा करनी पड़ी हो।
विशेषज्ञ राय
एक पूर्व क्रिकेट अंपायर के अनुसार, “आईसीसी का यह फैसला प्रशंसनीय है। रिजर्व डे का प्रावधान और डकवर्थ-लुईस नियम का उपयोग यह सुनिश्चित करता है कि मैच में किसी भी हाल में एक विजेता सामने आए या फिर ट्रॉफी साझा की जाए। इससे खेल की निष्पक्षता बनी रहती है और दर्शकों का उत्साह भी बना रहता है।”
यह देखना दिलचस्प होगा कि दुबई के आसमान में बादल बरसते हैं या नहीं, और अगर बरसते हैं, तो चैंपियंस ट्रॉफी 2025 का नतीजा क्या होता है।