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महाकुंभ 2025: भारतीय अर्थव्यवस्था को जबरदस्त बढ़ावा, SBI Bank की रिपोर्ट में खुलासा

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) की आर्थिक रिपोर्ट के अनुसार, इस अवधि में व्यापारिक गतिविधियों और निजी खर्चों में भारी वृद्धि दर्ज की गई।

प्रयागराज: आस्था के साथ आर्थिक समृद्धि का संगम

प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ 2025 ने धार्मिक और सांस्कृतिक महत्त्व के साथ-साथ आर्थिक दृष्टि से भी नया इतिहास रच दिया। इस महायोगी आयोजन में 66 करोड़ से अधिक श्रद्धालु पहुंचे, जिससे उत्तर प्रदेश सहित पूरे भारत की अर्थव्यवस्था को भारी लाभ हुआ।

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) की आर्थिक रिपोर्ट के अनुसार, इस अवधि में व्यापारिक गतिविधियों और निजी खर्चों में भारी वृद्धि दर्ज की गई। बैंकों से 1 लाख करोड़ रुपए निकाले गए, जो अभी तक वापस नहीं लौटे, जिससे साफ जाहिर होता है कि महाकुंभ ने बाज़ार में मुद्रा प्रवाह को तीव्र किया।

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3.5 लाख करोड़ रुपए की आर्थिक प्रगति

एसबीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, इस महाकुंभ ने भारतीय अर्थव्यवस्था को करीब 3.5 लाख करोड़ रुपए का आर्थिक लाभ पहुंचाया है। इस दौरान कई उद्योगों को सीधा फायदा मिला, जिनमें होटल, पर्यटन, परिवहन, खुदरा व्यापार और सेवा क्षेत्र शामिल हैं। महाकुंभ के आर्थिक प्रभाव की गूंज आयोजन समाप्त होने के बाद भी महसूस की जाएगी, क्योंकि स्थानीय व्यापारियों और सेवा प्रदाताओं ने इस ऐतिहासिक आयोजन से जबरदस्त मुनाफा कमाया।

होटल, पर्यटन और व्यापारिक क्षेत्रों को मिला बढ़ावा

महाकुंभ के 45 दिनों की अवधि में प्रयागराज और उसके आसपास के क्षेत्रों में होटल, रेस्टोरेंट और टूरिज्म इंडस्ट्री में अप्रत्याशित वृद्धि देखी गई। धार्मिक यात्रा के साथ श्रद्धालु वाराणसी, अयोध्या, चित्रकूट और नैमिषारण्य जैसे ऐतिहासिक और पवित्र स्थलों की यात्रा पर भी निकले, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को बूस्ट मिला।

बड़े धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजनों का अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। हाल ही में गुजरात में आयोजित कोल्डप्ले कॉन्सर्ट से भी व्यापार को भारी बढ़ावा मिला था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे “कॉन्सर्ट अर्थव्यवस्था” बताते हुए कहा कि भारत की सांस्कृतिक विरासत और युवा जनसंख्या इसे वैश्विक स्तर पर एक महत्वपूर्ण पर्यटन गंतव्य बना सकती है।

प्रयागराज के नाविक परिवार की अनूठी सफलता

महाकुंभ 2025 के दौरान प्रयागराज के एक नाविक परिवार ने 30 करोड़ रुपए की कमाई कर नया कीर्तिमान स्थापित किया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में इस परिवार की प्रेरणादायक कहानी साझा की। उनके अनुसार, 130 नावों के बेड़े के साथ यह परिवार महाकुंभ के दौरान 45 दिनों में 30 करोड़ रुपए की कमाई करने में सफल रहा। औसतन एक नाव ने प्रति दिन 50 से 52 हजार रुपए कमाए, जिससे परिवार की कुल आमदनी ऐतिहासिक स्तर पर पहुंच गई।

बैंकों में नकदी संकट, आरबीआई ने लिए अहम फैसले

महाकुंभ के दौरान बैंकों से भारी मात्रा में नकदी निकाले जाने के कारण बैंकिंग प्रणाली पर दबाव बढ़ा। एसबीआई रिपोर्ट के अनुसार, बैंकों के पास लोन बांटने तक के लिए पर्याप्त धनराशि नहीं बची। इस चुनौती से निपटने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने 1.9 लाख करोड़ रुपए की नकदी उपलब्ध कराने के उपाय किए हैं, जिससे बैंकिंग प्रणाली को स्थिरता प्रदान की जा सके।

निष्कर्ष: महाकुंभ 2025 बना आर्थिक परिवर्तन का केंद्र

महाकुंभ 2025 ने यह साबित कर दिया कि धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजनों का आर्थिक महत्व भी अत्यधिक होता है। इस आयोजन ने स्थानीय व्यापार, पर्यटन, रियल एस्टेट और खुदरा बाजार को बूस्ट किया, जिससे हजारों लोगों को रोजगार मिला। भविष्य में भी, भारत की परंपराएं और सांस्कृतिक उत्सव देश की आर्थिक मजबूती में सहायक सिद्ध होंगे और वैश्विक स्तर पर भारत की अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाएंगे।

कपिल शर्मा डिजिटल मीडिया मैनेजमेंट के क्षेत्र में एक मजबूत स्तंभ हैं और मल्टीमीडिया जर्नलिस्ट के तौर पर काम करते हैं। उन्होंने माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय, भोपाल से पत्रकारिता में मास्टर्स (पीजी) किया है। मीडिया इंडस्ट्री में डेस्क और ग्राउंड रिपोर्टिंग दोनों में उन्हें चार साल का अनुभव है। अगस्त 2023 से वे जागरण न्यू मीडिया और नईदुनिया I की डिजिटल टीम का हिस्सा हैं। इससे पहले वे अमर उजाला में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं। कपिल को लिंक्डइन पर फॉलो करें – linkedin.com/in/kapil-sharma-056a591bb