नई दिल्ली. अब तक परिवारवाद से दूर रहने वाले बिहार के मुख्यमंत्री और जदयू मुखिया नीतीश कुमार क्या बेटे निशांत को राजनीतिक उत्तराधिकारी घोषित करेंगे, यह सवाल पटना से लेकर दिल्ली तक गूंज रहा है। सुर्खियों से दूर रहने वाले निशांत ने जिस तरह से हालिया कुछ मौकों पर सधे अंदाज में बयानबाजी की है, उससे माना जा रहा है कि उनके सियासी वारिस बनने की पटकथा तैयार हो चुकी है।
सूत्रों का कहना है कि परिवार और पार्टी के एक बड़े धड़े ने नीतीश पर बेटे निशांत को समय रहते राज्य की राजनीति में स्थापित करने का दबाव बनाया है। ऐसे में नीतीश कुमार भविष्य में पार्टी को टूट से बचाने के लिए बेटे को आगे कर सकते हैं। क्योंकि नीतीश के बेटे के नाम पर पार्टी के सारे धड़े एकजुट रह सकते हैं, अन्यथा किसी एक धड़े के हाथ में कमान जाने पर पार्टी में बिखराव हो सकता है।
सीट भी तय: नीतीश कुमार ने कभी नालंदा जिले की हरनौत विधानसभा सीट से चुनावी राजनीति की शुरुआत की थी। यह सीट जदयू का गढ़ मानी जाती है। जदयू का एक धड़ा निशांत कुमार को हरनौत सीट से ही चुनाव लड़ाने के पक्ष में है।
निशांत के बयानों के पीछे संदेश
बिहार में नीतीश आठ बार से मुख्यमंत्री होते आए हैं, लेकिन अब तक बेटे निशांत सार्वजनिक जीवन से दूर रहे। सुर्खियों में आने से बचते रहे। अन्य नेता पुत्रों की तुलना में निशांत न कभी राजनीतिक बयान देते थे और न ही सार्वजनिक कार्यक्रमों में ज्यादा हिस्सा लेते थे। लेकिन, इस वर्ष वो हालिया कुछ मौकों पर बहुत सधे अंदाज में पिता नीतीश के समर्थन बयान देते नजर आए।
एक बयान में जहां उन्होंने भाजपा से पिता नीतीश को मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करने की मांग उठाई तो एक अन्य बयान में जनता से नीतीश को पिछली बार से अधिक सीटों से मुख्यमंत्री बनाने की अपील की, ताकि और ज्यादा विकास कार्य हो सकें। उन्होंने जनता से अपील की है कि वे नीतीश कुमार को पुन: मुख्यमंत्री बनाएं और उनके विकास कार्यों को आगे बढ़ाएं। माना जा रहा है कि सोची समझी रणनीति के तहत आने वाले ये बयान निशांत के भविष्य में चुनावी राजनीति में उतरने के संकेत हैं।
नीतीश कुमार लेंगे अंतिम निर्णय
जदयू के वरिष्ठ नेता और नीतीश सरकार में मंत्री श्रवण कुमार ने निशांत को बेहद काबिल बताते हुए कहा कि उनके राजनीति में आने पर अंतिम निर्णय नीतीश कुमार को ही लेना है। उधर, विपक्षी दलों ने भी निशांत की संभावित राजनीतिक एंट्री का स्वागत किया है।
राजद नेता तेजस्वी यादव और तेजप्रताप यादव दोनों ने राजनीति में आने पर स्वागत की बात कही है। एनडीए सहयोगी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा मुखिया और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने भी निशांत के राजनीति में आने को स्वागत योग्य कदम बताया है।