होलिका दहन का पर्व भारतीय संस्कृति में विशेष महत्व रखता है। यह बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है और इसी कारण इसे अत्यंत शुभ माना जाता है। होलिका की राख का तिलक लगाना एक प्राचीन परंपरा है, जिसे धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जाता है। मान्यता है कि इस राख का तिलक लगाने से न केवल सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है, बल्कि यह जीवन में सुख, समृद्धि और शांति भी लेकर आता है।
होलिका दहन और राख का महत्व
होलिका दहन फाल्गुन पूर्णिमा की रात को किया जाता है। इस दिन अग्नि में अर्पित की गई सामग्री की राख को शुद्ध और पवित्र माना जाता है। यह राख केवल भस्म नहीं, बल्कि इसमें धार्मिक और आध्यात्मिक शक्तियां समाहित होती हैं।
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होलिका की राख का तिलक लगाने के लाभ
1. नकारात्मक ऊर्जा से बचाव
होलिका की राख को शक्तिशाली तंत्र-मंत्र नाशक माना जाता है। इसे माथे पर तिलक लगाने से नकारात्मक शक्तियां दूर होती हैं और घर में सकारात्मकता बनी रहती है।
2. सौभाग्य और सफलता का प्रतीक
ऐसी मान्यता है कि होलिका की राख का तिलक लगाने से भाग्य प्रबल होता है और जीवन में सफलता के नए द्वार खुलते हैं। खासतौर पर यह तिलक व्यापारियों और नौकरीपेशा लोगों के लिए शुभ माना जाता है।
3. स्वास्थ्य लाभ
होलिका की राख को कई जगहों पर औषधीय गुणों से भरपूर माना गया है। इसे माथे पर लगाने से सिरदर्द, तनाव और मानसिक अशांति कम होती है।
4. आत्मबल और आत्मविश्वास में वृद्धि
धार्मिक मान्यता के अनुसार, होलिका की राख का तिलक लगाने से आत्मबल मजबूत होता है और व्यक्ति का आत्मविश्वास बढ़ता है, जिससे वह जीवन की चुनौतियों का डटकर सामना कर सकता है।
5. बुरी नजर से बचाव
होलिका की राख को बुरी नजर से बचाने का कारगर उपाय माना जाता है। इसे शरीर पर लगाने या घर के मुख्य द्वार पर रखने से नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश नहीं करती।
होलिका की राख का तिलक लगाने का सही तरीका
- होलिका दहन के अगले दिन प्रातः स्नान कर होलिका की राख लें।
- इसे गंगाजल या गुलाब जल में मिलाकर तिलक बनाएं।
- तिलक लगाते समय “ॐ नमः शिवाय” या “ॐ ह्रीं क्लीं महालक्ष्म्यै नमः” मंत्र का जाप करें।
- इसे माथे, गले और नाभि पर लगाने से शुभ फल प्राप्त होते हैं।