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चंद्रयान-5 को मिली स्वीकृति, 2040 तक मानव चंद्रमा मिशन के लिए ISRO की योजना – हिंदी समाचार, तकनीकी समाचार

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इस मिशन के लिए ISRO ने जापान के साथ सहयोग किया है। इस मिशन में मानवों को चंद्रमा पर भेजने की योजना बनाई गई है। Chandrayaan-5 को लेकर इसरो की क्या तैयारियां हैं, जानिए।

Chandrayaan-5 को मिली मंजूरी, इंसानों को चंद्रमा की सैर कराने की तैयारी

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Chandrayaan-5 मिशन में इंसानों को चंद्रमा पर भेजा जाएगा

हाइलाइट्स

  • चंद्रयान-5 मिशन को मिली मंजूरी।
  • 2040 तक इंसानों को चंद्रमा पर भेजने की योजना।
  • भारत और जापान मिलकर चंद्रयान-5 का विकास करेंगे।

Chandrayaan-5 Mission: सरकार ने चंद्रयान-5 मिशन को हरी झंडी दे दी है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के अध्यक्ष वी नारायणन ने इस बात की पुष्टि की है। यह ध्यान देने योग्य है कि चंद्रयान-5 भारत का एक महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट है, क्योंकि इसमें किसी रोबोट के बजाय मानवों को चंद्रमा पर भेजने की तैयारी की जा रही है। इस मिशन को 2040 तक पूरा करने की योजना है और इसके लिए भारत ने जापान के साथ सहयोग किया है।

वी नारायणन ने चेन्नई में एक सम्मान समारोह में भाग लिया, जहाँ उन्होंने चंद्रयान-4 मिशन के बारे में जानकारी दी और यह भी बताया कि हाल ही में चंद्रयान-5 के लिए मंजूरी मिली है। नारायणन ने बताया कि चंद्रयान-5 का रोवर चंद्रयान-3 के रोवर से 10 गुना भारी होगा, जिसमें 25 किलोग्राम का ‘प्रज्ञान’ रोवर था। चंद्रयान-5 को भारत जापान के सहयोग से विकसित कर रहा है और यह 350 किलोग्राम का रोवर होगा। ध्यान दें कि चंद्रयान-5 से पहले चंद्रयान-4 को 2027 में चंद्रमा से नमूने लाने के लिए प्रक्षिप्त किया जाएगा।

भारत का अपना अंतरिक्ष स्टेशन
नारायणन ने ISRO के कुछ सफल चंद्रयान मिशनों की भी चर्चा की। उन्होंने बताया कि भारत 2035 तक अपना खुद का ‘भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन’ बनाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार चाहती है कि ISRO स्वदेशी रॉकेट का उपयोग करके भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को चंद्रमा की यात्रा कराए और उन्हें सुरक्षित रूप से वापस लाए।

चंद्रयान मिशन
23 अगस्त 2023 को ISRO ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान-3 की सफल ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ की। चंद्रमा की सतह पर सफल सॉफ्ट लैंडिंग करने के बाद भारत अमेरिका, रूस, चीन और जापान के बाद ऐसा करने वाला पांचवां देश बन गया है और यह दक्षिणी ध्रुव पर सफल लैंडिंग करने वाला पहला देश है।

असल में, चंद्रयान मिशन चंद्रमा की सतह का अध्ययन करने के लिए किया जाता है। भारत ने 2008 में चंद्रयान-1 को चंद्रमा पर सफलतापूर्वक भेजा, जिसने चंद्रमा का रासायनिक, खनिज और फोटो-भूगर्भीय मानचित्रण किया। इसके बाद, भारत ने 2019 में चंद्रयान-2 मिशन का संचालन किया, जो 98 प्रतिशत सफल रहा। फाइनल स्टेज में मिशन का केवल दो प्रतिशत ही पूरा हो सका। हालांकि, अंतरिक्ष विभाग के नारायणन ने कहा कि चंद्रयान-2 पर लगा उच्च रिजोल्यूशन कैमरा सैकड़ों तस्वीरें भेजता है।

कपिल शर्मा डिजिटल मीडिया मैनेजमेंट के क्षेत्र में एक मजबूत स्तंभ हैं और मल्टीमीडिया जर्नलिस्ट के तौर पर काम करते हैं। उन्होंने माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय, भोपाल से पत्रकारिता में मास्टर्स (पीजी) किया है। मीडिया इंडस्ट्री में डेस्क और ग्राउंड रिपोर्टिंग दोनों में उन्हें चार साल का अनुभव है। अगस्त 2023 से वे जागरण न्यू मीडिया और नईदुनिया I की डिजिटल टीम का हिस्सा हैं। इससे पहले वे अमर उजाला में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं। कपिल को लिंक्डइन पर फॉलो करें – linkedin.com/in/kapil-sharma-056a591bb