होलिका और रमजान 2025 का अनोखा संयोग: होली हिंदू धर्म का एक प्रमुख त्योहार है, जो रंग, प्रेम और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। यह हर वर्ष फाल्गुन माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है और बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है। दूसरी ओर, रमजान इस्लाम का सबसे पवित्र महीना है, जिसमें रोजेदार पूरे महीने रोजा रखते हैं। इस साल होली के साथ रमजान का दुर्लभ संयोग बन रहा है। आइए जानते हैं यह मौका कितने सालों बाद आया है।
होली और रमजान का एक साथ आना एक विशेष अवसर है, जो दोनों समुदायों के बीच एकता और भाईचारे को बढ़ावा देता है। पिछली बार यह संयोग 1961 में बना था। यह तब होता है जब पंचांग के अनुसार फाल्गुन और इस्लामिक कैलेंडर का रमजान एक ही समय पर आता है। इस बार 14 मार्च 2025 को होली और रमजान का जुड़ाव 64 सालों के बाद हो रहा है, जिसके चलते देशभर में पुलिस और प्रशासन ने सुरक्षा उपाय किए हैं। उत्तर प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में विशेष इंतजाम किए गए हैं।
Also Read: होलिका दहन 2025: इस बार होली दिन में होगी या रात में? भद्रा का प्रभाव, केवल 47 मिनट का समय मिलेगा।
- उत्तर प्रदेश में होली से पहले कई मस्जिदों को तिरपाल से ढक दिया गया है। शाहजहांपुर में 67, संभल में 10 और बरेली में 5 मस्जिदों को कवर किया गया है।
- मध्य प्रदेश के इंदौर के महू में पुलिस ने मुस्लिम समुदाय से कहा है कि यदि होली के रंगों से कोई समस्या हो तो वे मस्जिदों को प्लास्टिक से ढक सकते हैं।
- छत्तीसगढ़ में जुमे की नमाज के समय में बदलाव किया गया है। अब मस्जिदों में नमाज दोपहर 1 बजे की बजाय 2 से 3 बजे के बीच होगी। इसके लिए सभी मस्जिदों को सूचना भेजी गई है।
होली और रमजान का यह संयोग एक असामान्य घटना है, जो हिंदू और मुस्लिम समुदायों के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करता है। यह घटना दोनों धर्मों के बीच एकता और सद्भावना को बढ़ावा देती है और दोनों समुदायों के लिए एक विशेष त्योहार है।
यह भी पढ़ें: वृश्चिक राशि के युवा किसी विशेषज्ञ की सलाह से करियर में आगे बढ़ सकते हैं, पढ़ें राशिफल
अस्वीकृति: यहां दी गई जानकारी केवल मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। ABPLive.com किसी भी प्रकार की मान्यता या जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को लागू करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह अवश्य लें।