होली का त्यौहार नजदीक है और हम सभी व्यंजन और मिठाइयों की तैयारी में जुटे हुए हैं। गुझिया, मीठी मठरी, मेवा लड्डू, और गुलाब जामुन का आनंद लेना हमारे लिए बहुत खास होता है। लेकिन, जिन लोगों को गंभीर बीमारियाँ हैं, उन्हें त्योहारों के दौरान अपने आहार पर विशेष ध्यान देना चाहिए। डायबिटीज के रोगियों को भी मिठाई खाने की इच्छा होती है, लेकिन उन्हें इस पर नियंत्रण रखना जरूरी है। ये स्वादिष्ट मिठाइयाँ उनके रक्त शुगर स्तर को प्रभावित कर सकती हैं। अब सवाल ये उठता है कि क्या डायबिटीज के मरीजों को मीठा पूरी तरह से छोड़ देना चाहिए।
थोड़ी मात्रा में मिठाई खाएं
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डायटीशियन के अनुसार, डायबिटीज के मरीजों को बहुत कम या फिर मध्यम मात्रा में मिठाई का सेवन करना चाहिए ताकि उनके रक्त शुगर स्तर पर अधिक प्रभाव न पड़े। ज्यादा मिठाई खाना उनके लिए हानिकारक हो सकता है।
खाली पेट मिठाई से बचें
डायबिटीज के मरीजों को खाली पेट मिठाई नहीं खानी चाहिए। यदि वे ऐसा करते हैं, तो उनके रक्त में शुगर स्तर तेजी से बढ़ जाता है। ऐसे मरीजों को नाश्ता या दोपहर का भोजन करने के बाद मिठाई खाने की सलाह दी जाती है।
रात में मिठाई से दूर रहें
रात में मिठाई खाने से डायबिटीज के मरीजों को काफी समस्याएँ हो सकती हैं। इससे उन्हें नींद नहीं आती और बार-बार पेशाब आने की समस्या भी हो सकती है, या उल्टी जैसा महसूस हो सकता है। ऐसे मरीजों को रात में मिठाई का सेवन नहीं करना चाहिए।
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कोल्ड ड्रिंक और जूस से बचें
मधुमेह के रोगियों को न केवल मिठाई से परहेज करना चाहिए, बल्कि उन्हें कोल्ड ड्रिंक और मीठे जूस पीने से भी दूर रहना चाहिए। इन पेय पदार्थों में मौजूद तरल चीनी रक्त शर्करा स्तर को तेजी से बढ़ा सकती है। टाइप 1 मधुमेह के रोगियों और इंसुलिन लेने वालों को मिठाई का सेवन नहीं करना चाहिए।
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