चैन की नींद हर किसी की ख्वाहिश होती है, और आराम हर व्यक्ति के शरीर के लिए आवश्यक है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि अधिकांश भारतीय लोग सुकून की नींद नहीं ले पा रहे हैं? इस कारण से नींद की कमी (Lack of Sleep) एक गंभीर समस्या बनती जा रही है।
हाल ही में, Local Circles द्वारा किए गए एक सर्वे के अनुसार, देश के 59% लोग हर रात 6 घंटे से भी कम नींद ले रहे हैं। यह सर्वे निश्चित रूप से चिंता का विषय है। आइए जानते हैं कि सर्वे में क्या कहा गया है और नींद में व्यवधान के प्रमुख कारण क्या हैं।
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सर्वे के अनुसार, आधी रात में वॉशरूम जाने को नींद में बार-बार खलल पड़ने का सबसे बड़ा कारण बताया गया है। इसमें शामिल 72% लोगों ने वॉशरूम जाने को अपनी नींद टूटने का मुख्य कारण बताया है।
इसके अलावा, अनियमित दिनचर्या, शोर-शराबा, मच्छर, या साथी और बच्चों की वजह से भी नींद टूटने जैसी समस्याएं सामने आई हैं। सर्वे में यह भी बताया गया है कि 6 घंटे से कम नींद लेने वाले 38% लोग वीकेंड या छुट्टियों में भी अपनी नींद पूरी नहीं कर पाते, जिसका मुख्य कारण घरेलू काम, जिम्मेदारियां और सामाजिक कारक होते हैं।
नींद की कमी से गंभीर समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। इससे थकान और डार्क सर्कल्स के अलावा दीर्घकालिक समस्याएं भी हो सकती हैं। नींद की कमी से हृदय रोग, मोटापा और डायबिटीज जैसी गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि नींद की कमी कार्यक्षमता को भी प्रभावित करती है और प्रदर्शन में गिरावट आती है। अध्ययन से यह भी पता चला है कि नींद की कमी के कारण नौकरी करने वालों में गलतियां करने की संभावना अधिक होती है, जिससे ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई होती है और समस्याओं को हल करना मुश्किल हो जाता है।
बेहतर नींद के लिए कुछ सुझाव दिए गए हैं: कैफीन युक्त चीजों जैसे चाय और कॉफी का सेवन कम करें। सोने से पहले स्क्रीन टाइम में कमी लाएं। फोन और लैपटॉप का उपयोग न करें। सोने और उठने का समय निश्चित करें। बेडरूम में रोशनी कम रखें और सोते समय गैजेट्स को दूर रखें।