राजस्थान सरकार ने कोचिंग सेंटर्स (कंट्रोल एंड रेगुलेशन) बिल 2025 को राज्य कैबिनेट में मंजूरी दे दी है। यह निर्णय मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में लिया गया। इस बिल का उद्देश्य कोचिंग सेंटर्स के कार्यों पर निगरानी रखना और छात्रों की मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखना है।
राज्य के उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा और संसदीय मामलों के मंत्री जोगाराम पटेल ने जानकारी दी कि आगामी विधानसभा सत्र में इस बिल पर चर्चा की जाएगी। यह बिल लैंड रेवेन्यू एक्ट के प्रावधानों को भी शामिल करता है। जो कोचिंग सेंटर्स नियमों का उल्लंघन करते पाए जाएंगे, उनके खिलाफ इस अधिनियम के अंतर्गत भारी जुर्माना लगाया जाएगा और उनकी संपत्ति भी जब्त की जा सकती है।
इस बिल के तहत राज्य सरकार एक 24 घंटे चलने वाली हेल्पलाइन की भी शुरुआत करेगी। इसके साथ ही राजस्थान कोचिंग इंस्टीट्यूट्स (कंट्रोल एंड रेगुलेशन) अथॉरिटी का गठन किया जाएगा, जिसका अध्यक्ष उच्च शिक्षा विभाग के सचिव होंगे। जिला स्तर पर, जिला मजिस्ट्रेट को इस अथॉरिटी का अध्यक्ष नियुक्त किया जाएगा।
राज्य में एक ऑनलाइन पोर्टल भी लॉन्च किया जाएगा, जहां छात्र पढ़ाई के दबाव से उबरने के लिए काउंसलिंग प्राप्त कर सकेंगे। यह कदम कोटा में बढ़ते छात्र आत्महत्याओं के मामले को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है, जहां इस वर्ष अब तक 7 छात्रों ने आत्महत्या की है।
इसके अलावा, हाल के दिनों में 6 राज्यों में 8 बोर्ड परीक्षाओं के पेपर लीक होने की घटनाएं भी हुई हैं, जिससे 85 लाख छात्र प्रभावित हुए हैं। देशभर में फरवरी से बोर्ड परीक्षाएं चल रही हैं, और इन घटनाओं ने NEET पेपर लीक से कुछ सीखने की आवश्यकता को उजागर किया है।
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